प्राचार्य
स्वास्ति पन्था मनुचरेम सूर्याचन्द्र मसाविक।
पुनर्ददतादवाध्नता जानतां सम् गमेमहि।।
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग भवेत।।
विलक्षण प्रतिभा के धनी स्व० जय प्रकाश सिंह की स्मृति में स्थापित जय प्रकाश स्नातकोत्तर महाविद्यालय का उद्देश्य अध्ययन के साथ-साथ छात्र/छात्रा में उन सभी गुणों को विकसित किया जाना है, जिससे उनके व्यक्तित्व का सर्वागीण विकास हो सके तथा छात्र/छात्रा इतने प्रतिभा सम्पन हो वे आकाश में चमकने वाले प्रकाश पुंज की तरह अपनी प्रतिभा, योग्यता, की चमक दुनिया में बिखेर सके, साथ ही साथ एक स्वस्थ समाज के निर्माण में अपना अपूर्व योगदान देते हुए जय प्रकाश के प्रकाश ज्योति को रोशन करे और पूरे दुनिया में अपनी पहचान स्थापित करते हुए माता -पिता व महाविद्यालय की अपेक्षाओ को पूरा कर सके |
महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा छात्र/छात्रा में देशप्रेम, कर्तव्यनिष्ठा, त्याग, संयम, सहनशीलता धर्मनिरपेक्षता एवं भाईचारे की भावना व अनुशासन द्वारा शिष्टाचार की भावना तथा गणवेश (ड्रेस) द्वारा समानता की भावना जागृत करना है | अपने स्थापना के उद्देश्यों को प्राप्त करने में महाविद्यालय सफल रहा है तथा इस दिशा में अनवरत रूप से प्रयासरत है।
आशा है कि महाविद्यालय निकट भविष्य में क्षेत्र के अभिभावकों एवं छात्रों के सहयोग से अपने क्रिया-कलापों एवं योजनाओं का चतुर्मुखी विकास करने में सफल होगा तथा महाविद्यालय की उच्च शिक्षा / व्यवसाय परक शिक्षा सम्बन्धित आवश्यकताओं को पूर्ण कर सकेगा ।
"अंधियारे को क्यों धिक्कारें अच्छा है एक दीप जलायें।"
धन्यवाद